‘हाय पापा’ का वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर, ज़ी सिनेमा पर

शौर्युव के निर्देशन में बनी ‘हाय पापा’ एक ऐसी कहानी है जो बाप-बेटी के रिश्ते की गहराई, उनके बीच आई दूरियों और प्यार की ताकत को बेहद खूबसूरती से बयां करती है.

‘हाय पापा’ का वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर, ज़ी सिनेमा पर

ज़ी सिनेमा लेकर आ रहा है ‘हाय पापा’ का वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर - एक दिल छू लेने वाली कहानी जो प्यार, परिवार और नए मौकों के जज़्बे को खूबसूरती से बयां करती है. फिल्म में नज़र आएंगे दर्शकों के चहेते ‘नेचुरल स्टार’ नानी और उनकी साथी बनी हैं मोहक मृणाल ठाकुर.

पिता और बेटी के रिश्ते में छिपे जज़्बात-

ये फिल्म एक ऐसे सफर पर ले जाती है जहां एक पिता और बेटी के रिश्ते में छिपी जज़्बातों की परतें खुलती हैं. इसमें जुदाई की कसक भी है और रिश्तों की मिठास भी। देखना ना भूलिए 'हाय पापा' का प्रीमियर मंगलवार, 29 जुलाई दोपहर 12 बजे, सिर्फ़ ज़ी सिनेमा पर.

‘हाय पापा’ कि कहानी-

शौर्युव के निर्देशन में बनी ‘हाय पापा’ एक ऐसी कहानी है जो बाप-बेटी के रिश्ते की गहराई, उनके बीच आई दूरियों और प्यार की ताकत को बेहद खूबसूरती से बयां करती है. इस फिल्म में नानी और मृणाल की परफॉर्मेंस को खूब सराहा गया. दोनों ने अपने किरदारों को पूरी ईमानदारी और संवेदना से निभाया. नन्ही ‘माही’ के रोल में कियारा खन्ना ने मासूमियत और सच्चाई से दर्शकों का दिल जीत लिया. हेशम अब्दुल वहाब के संगीत ने कहानी को और भी भावुक रंग दिए.

नानी - कहानी सुनते ही दिल छू गई-

फिल्म के बारे में नानी बताते हैं, "मैं 'हाय पापा' से सबसे पहले जुड़ा और जब मैं कोई स्क्रिप्ट सुनता हूं, तो एक एक्टर की तरह नहीं, बल्कि एक दर्शक की तरह महसूस करता हूं. ये कहानी सुनते ही दिल छू गई। बहुत वक्त बाद ऐसी कोई कहानी मिली जो बाप-बेटी के रिश्ते की खूबसूरती को इतनी सच्चाई से बयां करती हो. मुझे ऐसा कुछ करने की तलब थी और अब जब पूरे देश के दर्शक इसे ज़ी सिनेमा पर देखेंगे, तो मुझे यकीन है उन्हें भी वही खासियत महसूस होगी.जो मुझे इस फिल्म से जुड़ते वक्त हुई थी.”

मृणाल ठाकुर - मैं पूरी तरह से कहानी में डूब गई-

मृणाल ठाकुर, जो फिल्म में यशना की भूमिका निभा रही हैं, कहती हैं, “जब शौर्युव गारु ने मुझे स्क्रिप्ट सुनाई, तो मैं पूरी तरह से कहानी में डूब गई थी. मैं जिन किरदारों से जुड़ती हूं, उनसे दिल की गहराई से जुड़ी होती हूं और यशना मुझे भीतर तक महसूस हुई. इस फिल्म की शूटिंग ने मुझे मेरे अपने बचपन की बहुत-सी यादें ताजा कर दीं. ये मेरे लिए एक बेहद निजी अनुभव रहा. उम्मीद है दर्शक भी वो प्यार, अपनापन और गहराई महसूस करेंगे जो मैंने इस फिल्म को करते हुए महसूस की.”

शौर्युव - जज़्बात और एहसास मेरी ज़िंदगी से जुड़े हैं-

अपने निर्देशन की शुरुआत को लेकर निर्देशक शौर्युव ने कहा, “‘हाय पापा’ भले ही एक काल्पनिक कहानी है, लेकिन इसके जज़्बात और एहसास मेरी अपनी ज़िंदगी से जुड़े हैं. बतौर निर्देशक मेरी कोशिश यही रही कि एक ऐसी कहानी कहूं जो दिल से निकले और हर परिवार, हर भाषा का दर्शक उससे खुद को जोड़ पाए. जो प्यार अब तक इस फिल्म को मिला है, वो बेमिसाल है और अब ज़ी सिनेमा पर जब ‘हाय पापा’ का प्रीमियर होगा, तो मुझे उम्मीद है दर्शकों को वही सच्चे जज़्बात महसूस होंगी जो इस फिल्म को बनाते वक्त हम सबने महसूस कीं.”

भूले-बिसरे रिश्तों की गहराई को दर्शाती-

‘हाय पापा’ एक ऐसी कहानी है जो बाप-बेटी के रिश्ते, भूले हुए प्यार और बिछड़े हुए रिश्तों की गहराई को दर्शाती है. यह हमें याद दिलाती है कि जब जिंदगी में प्यार वापस लौटता है, तो हर दर्द भी धीरे-धीरे भर जाता है.