महिलाओं को पहेली नहीं, संगिनी सहेली बनाएं और बढ़ाएं
‘संगिनी सहेली’ ने अपनी स्थापना की पाँचवीं वर्षगांठ पर नई दिल्ली में एक भव्य समारोह का आयोजन किया. कार्यक्रम में महिला उत्थान और सहभागिता को लेकर एक सशक्त संदेश दिया गया

महिला सशक्तिकरण की दिशा में समर्पित गैर-सरकारी संगठन ‘संगिनी सहेली’ ने अपनी स्थापना की पाँचवीं वर्षगांठ पर नई दिल्ली में एक भव्य समारोह का आयोजन किया. कार्यक्रम में महिला उत्थान और सहभागिता को लेकर एक सशक्त संदेश दिया गया,“महिलाओं को पहेली नहीं, संगिनी सहेली बनाएं और बढ़ाएं.”
प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया-
यह संदेश न केवल मंच से गूंजा, बल्कि पूरे आयोजन का भाव भी बन गया, जहां समाज, राजनीति, मीडिया और कला जगत की कई प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया और संगठन के प्रयासों की सराहना की.
सशक्तिकरण की मिसाल बना संगठन-
पाँच वर्षों की इस यात्रा में संगिनी सहेली ने 5000 से अधिक महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई, डाईंग और माइक्रो-उद्यमिता जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया है. साथ ही, अब तक 25 लाख से अधिक सैनिटरी पैड्स जरूरतमंद महिलाओं को वितरित किए जा चुके हैं. संगठन द्वारा ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता शिविर, नेत्र जांच कैंप, और कानूनी सहायता कार्यक्रम भी निरंतर चलाए जा रहे हैं.
यात्रा एकजुटता पर आधारित-
कार्यक्रम की मुख्य आयोजक और संगिनी सहेली की संस्थापक प्रियल भारद्वाज, जो भाजपा महिला मोर्चा, दिल्ली की महासचिव भी हैं, ने कहा, “यह यात्रा कभी दान पर नहीं, बल्कि एकजुटता पर आधारित रही है. जब महिलाओं को नेतृत्व दिया जाता है, तो पूरा समाज आगे बढ़ता है.”
उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि सिर्फ नीयत से बदलाव नहीं आते, उसके लिए मज़बूत ढांचे, भरोसा और संगठनात्मक सहयोग भी ज़रूरी होता है.
राजनीतिक और सामाजिक नेतृत्व की सहभागिता-
इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और सांसद बैजयंत पांडा ने शिरकत की उन्होंने कहा, “जब महिला अपने पैरों पर खड़ी होती है, तभी परिवार खड़ा होता है. संगिनी सहेली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महिला-केंद्रित विकास के सपने को साकार कर रही है.”
महिलाओं के लिए ऐसे संगठनों की जरुरत-
सांसद बांसुरी स्वराज ने भी मंच से संगठन के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि महिलाओं के लिए काम करने वाले ऐसे संगठनों की ज़रूरत आज और अधिक बढ़ गई है, जो केवल सहायता नहीं, बल्कि स्वावलंबन सिखाते हैं.
कला, मीडिया और सामाजिक संगठनों का समर्थन-
इस अवसर पर पद्मश्री डॉ. नीरज भाटला, उड़ान ट्रस्ट की संस्थापक एवं द इंडियन एक्सप्रेस की पूर्व उपाध्यक्ष अनन्या गोयनका, और बॉलीवुड अभिनेत्री ऋषिता भट्ट ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.
चैप्टर के विस्तार में सक्रिय भूमिका-
ऋषिता भट्ट ने घोषणा की कि वे अब संगठन के महाराष्ट्र चैप्टर के विस्तार में सक्रिय भूमिका निभाएंगी। उन्होंने कहा, “जब महिलाएं एक-दूसरे का हाथ थामती हैं, तभी असली प्रगति होती है।”
कार्यक्रम की विशेष प्रस्तुतियां-
कार्यक्रम की शुरुआत अस्मिता थिएटर ग्रुप द्वारा प्रस्तुत नुक्कड़ नाटक ‘दस्तक’ से हुई, जिसमें महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों के प्रति जागरूकता का संदेश दिया गया.
खास आकर्षण का केंद्र-
इसके अलावा, संस्कृत भारती के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए, और ‘Sangini Sakhi Through the Years’ नामक डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी प्रदर्शित की गई. कार्यक्रम में SHG (स्वयं सहायता समूह) लीडर्स, शिक्षकों, और संगिनी सहेली की युवा टीमों को सम्मानित किया गया। SHG के उत्पादों की प्रदर्शनी भी खास आकर्षण का केंद्र रही.
भविष्य की दिशा-
समापन भाषण में प्रियल भारद्वाज ने कहा, “जैसे-जैसे भारत अपनी आज़ादी के 100 वर्षों की ओर बढ़ रहा है, हमारा सपना जवान हो रहा है. एक ऐसा सपना जिसमें महिलाएं सिर्फ कमाए नहीं, बल्कि सीखे, पढ़े और आत्मनिर्भर बनें. उन्होंने यह भी जोड़ा कि आने वाले वर्षों में संगिनी सहेली देश के हर राज्य में अपने प्रोजेक्ट्स को विस्तारित करने के लिए प्रतिबद्ध है.