प्रसिद्ध कैंसर विशेषज्ञ डॉ. विजय आनंद रेड्डी की पुस्तक का केंद्रीय मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने किया विमोचन

108 कैंसर विजेताओं की कहानियां की एक किताब “मैंने कैंसर को जीत लिया” का इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स में हुआ भव्य विमोचन. इस पुस्तक का अंग्रेजी के अलावा हिंदी और तेलुगु में भी हुआ अनुवाद.

प्रसिद्ध कैंसर विशेषज्ञ डॉ. विजय आनंद रेड्डी की पुस्तक का केंद्रीय मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने किया विमोचन

इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स में आज प्रसिद्ध कैंसर विशेषज्ञ डॉ. पलकोंडा विजय आनंद रेड्डी की पुस्तक “मैंने कैंसर को जीत लिया” का भव्य विमोचन किया गया. यह पुस्तक कैंसर से उबर चुके 108 लोगों की प्रेरक वास्तविक कहानियों का संग्रह है जिनमें से प्रत्येक कहानी असाधारण साहस, दृढ़ संकल्प और निराशा पर आशा की विजय को दर्शाती है.

मुख्य अतिथि-

इस अवसर पर केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “यह पुस्तक आशा और दृढ़ता की किरण है. इसकी हर कहानी मानवीय भावना की शक्ति और शीघ्र पहचान व जागरूकता के महत्व का सशक्त उदाहरण है. इन प्रेरक यात्राओं को एक साथ लाने के लिए डॉ. विजय आनंद रेड्डी का प्रयास अनगिनत रोगियों और उनके परिवारों को यह विश्वास दिलाएगा कि कैंसर को हराया जा सकता है.”

केवल उपचार तक सीमित नहीं-

अपोलो हॉस्पिटल्स की संयुक्त प्रबंध निदेशक डॉ. संगीता रेड्डी ने कहा, “कैंसर की देखभाल केवल उपचार तक सीमित नहीं है बल्कि यह प्रत्येक रोगी में विश्वास, शक्ति और सम्मान बहाल करने का प्रयास है। यह पुस्तक उस दृढ़ता की सशक्त याद दिलाती है जो कैंसर सर्वाइवर्स को परिभाषित करती है और उस करुणामयी देखभाल की प्रतीक है जिसके लिए अपोलो हमेशा खड़ा रहा है। यह हमारे उस संकल्प को दोहराती है जिसमें हर कैंसर की कहानी आशा के साथ समाप्त होती है।”

इलाज सिर्फ दवाओं से नहीं होता-

श्री शिवकुमार पट्टाभिरामन, प्रबंध निदेशक, इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल ने कहा,"अपोलो में हमारा मानना है कि इलाज सिर्फ दवाओं से नहीं होता, बल्कि उम्मीद, जागरूकता और मरीज, डॉक्टर व देखभाल करने वालों के बीच के मानवीय संबंध से होता है। ‘मैंने कैंसर को जीत लिया’ इस सोच को खूबसूरती से दर्शाता है, क्योंकि यह उन लोगों की आवाज़ बनता है जिन्होंने कैंसर को हराया है और अपनी कहानी से दूसरों को प्रेरित कर रहे हैं.”

भय के बजाय साहस को चुना-

इस दौरान हैदराबाद स्थित अपोलो कैंसर सेंटर के निदेशक और प्रसिद्ध कैंसर विशेषज्ञ डॉ. विजय आनंद रेड्डी ने कहा, “इस पुस्तक के जरिए मैं उन लोगों की अटूट इच्छाशक्ति को सामने लाना चाहता था जिन्होंने भय के बजाय साहस को चुना। उनके अनुभव हमें याद दिलाते हैं कि कैंसर अंत नहीं है, यह एक ऐसी लड़ाई है जिसे समय पर उपचार, विश्वास और सकारात्मक सोच से जीता जा सकता है. मुझे विश्वास है कि यह पुस्तक नए कैंसर रोगियों को आशा और साहस के साथ इस संघर्ष को लड़ने की प्रेरणा देगी.”

प्रेरक कहानियां-

पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक मूल रूप से अंग्रेजी में लिखी गई है. इस पुस्तक का हिंदी अनुवाद डॉ. आर. सुमन लता और डॉ. टी. सी. वसंता ने किया है जबकि तेलुगु संस्करण का अनुवाद डॉ. दुर्गेमपुडी चंद्रशेखर रेड्डी और डॉ. गोविंदराजू चक्रधर ने किया है ताकि ये प्रेरक कहानियां पूरे भारत के पाठकों तक पहुंच सकें.

चिकित्सा उत्कृष्टता और सामुदायिक सहयोग की शक्ति को दर्शाती-

कार्यक्रम में लोकसभा सदस्य श्रीकोंडा विश्वेश्वर रेड्डी भी उपस्थित रहे. उन्होंने इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह पुस्तक कैंसर पर विजय प्राप्त करने में विश्वास, चिकित्सा उत्कृष्टता और सामुदायिक सहयोग की शक्ति को दर्शाती है। इस मौके पर वरिष्ठ चिकित्सक, कैंसर से उबर चुके लोग, अस्पताल प्रबंधन के सदस्य और मीडिया प्रतिनिधि भी मौजूद थे. सभी ने कैंसर देखभाल की यात्रा को मानवीय रूप देने और आशा एवं सकारात्मकता का संदेश फैलाने की इस पहल की सराहना की.

आशा का संदेश-

“मैंने कैंसर को जीत लिया” (I Am a Cancer Survivor) पुस्तक जागरूकता, करुणा और चिकित्सा उत्कृष्टता के महत्व को रेखांकित करती है और कैंसर के खिलाफ चल रही लड़ाई में आशा का संदेश दे रही है.