एलपीयू के चांसलर और सांसद डॉ. अशोक मित्तल ने 'जय जवान स्कालरशिप' की घोषणा की

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर, राष्ट्र के प्रति आभार दर्शाते हुए और एजुकेशन के क्षेत्र में कार्य करने के अपने वचन को पूरा करते हुए लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) ने 'जय जवान स्कॉलरशिप' शुरू करने की घोषणा की है.

एलपीयू के चांसलर और सांसद डॉ. अशोक मित्तल ने 'जय जवान स्कालरशिप' की घोषणा की

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर, राष्ट्र के प्रति आभार दर्शाते हुए और एजुकेशन के क्षेत्र में कार्य करने के अपने वचन को पूरा करते हुए लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) ने 'जय जवान स्कॉलरशिप' शुरू करने की घोषणा की है.

दुनिया की सबसे बड़ी प्राइवेट स्कॉलरशिप योजना-

एलपीयू के ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रैजुएट प्रोग्राम्स  में ऑनलाइन मोड में दाखिला लेने वाले सभी सक्रिय रक्षा और अर्धसैनिक कर्मियों के लिए 100% ट्यूशन फीस माफ की जाएगी. यह पहल विशेष रूप से भारत के 22 लाख सक्रिय रक्षा (सेना, नौसेना और वायु सेना) और अर्धसैनिक बलों के जवानों के लिए बनाई गई है, जिसमें सीआरपीएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ और एसएसबी शामिल हैं. इस कदम ने इस स्कॉलरशिप को शिक्षा के क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी प्राइवेट स्कॉलरशिप योजना बना दी है. यह जानकारी नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की गई, जिसकी अध्यक्षता एलपीयू के फाउंडर चांसलर और मेंबर ऑफ पार्लियामेंट (राज्यसभा) डॉ. अशोक कुमार मित्तल ने की.

स्कॉलरशिप सफल ऑपरेशन सिंदूर के मद्देनजर-

इस पहल की घोषणा करते हुए, डॉ. अशोक कुमार मित्तल ने कहा, "हमारे सशस्त्र बलों की बहादुरी और बलिदान को सम्मानित करने के लिए जितने सेल्यूट दिए जाए कम हैं  यह स्कॉलरशिप सफल ऑपरेशन सिंदूर के मद्देनजर राष्ट्रीय स्तर पर महत्व रखती है, जहां हमारे बहादुर कर्मियों ने पहलगाम में नागरिकों के भयानक नरसंहार के जवाब में असाधारण साहस दिखाया था. उनकी शानदार और दृढ़ कार्रवाई ने राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित की और एक मजबूत और लचीली ग्लोबल शक्ति के रूप में भारत की स्थिति की पुष्टि की. ये पूरी स्कॉलरशिप एकजुटता की एक ठोस उदाहरण हैं. क्योंकि सच्चा सम्मान शब्दों से आगे बढ़कर कार्रवाई में तब्दील होना चाहिए."

एक ऐतिहासिक घोषणा-

मीडिया को संबोधित करते हुए, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. अशोक कुमार मित्तल ने एक ऐतिहासिक घोषणा की  रक्षा और अर्धसैनिक कर्मियों के लिए दुनिया की सबसे बड़ी एजुकेशनल स्कॉलरशिप पहल की शुरुआत. इस शानदार जय जवान छात्रवृत्ति से 22 लाख से अधिक सक्रिय सेवा सदस्यों को लाभ मिलेगा, जो एजुकेशन रेवलूशन का नेतृत्व करने और उच्च शिक्षा को आसान, सब तक पहुंचाने और मजबूत बनाने के एलपीयू के मिशन के साथ पूरी तरह से जुड़ा हुआ है.
<span;>डॉ. मित्तल ने घोषणा कि, 2025-2026 और 2026-2027 एजुकेशन सेशन (जुलाई और जनवरी दोनों प्रवेश सहित) में प्रवेश लेने वाले प्रत्येक सक्रिय रक्षा और अर्धसैनिक कर्मी इस छात्रवृत्ति के लिए योग्य होंगे. उन्होंने कहा, "यह हमारे बहादुर जवानों के निस्वार्थ समर्पण के लिए हमारा सम्मान है. वे देश की रक्षा करते हैं; उन्हें ज्ञान के साथ सशक्त बनाना हमारा कर्तव्य है."

जरूरतों को पूरा करने के लिए किए तैयार-

एलपीयू के लचीले यूजीसी मान्यता प्राप्त ऑनलाइन डिग्री प्रोग्राम सशस्त्र बलों के कर्मियों की जरूरी जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार किए गए हैं, जिन्हें अक्सर बार-बार स्थान बदलने और ऑपरेशनल डिमांड का सामना करना पड़ता है। ये कार्यक्रम पूरी सुविधा और अनुकूलनशीलता प्रदान करते हैं, चाहे विद्यार्थी सियाचिन की बर्फीली ऊंचाइयों पर तैनात हो या समुद्र की गहराई में पनडुब्बी पर सवार हो वह किसी भी समय कहीं भी पहुंच कर, ऑनलाइन कक्षाओं और परीक्षाओं के साथ अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते है.

रक्षा कर्मियों का गर्व से समर्थन किया-

एलपीयू और भारतीय सशस्त्र बलों के बीच गहरे संबंधों के बारे में जानकारी देते हुए, डॉ. मित्तल ने कहा, “रक्षा समुदाय के साथ हमारा संबंध नया नहीं है। लवली ग्रुप के संस्थापक ने एक बार सैन्य ठेकेदार के रूप में काम किया था, और हमने सात दशकों से अधिक समय तक रक्षा कर्मियों का गर्व से समर्थन किया है. यह विरासत हमारे दृष्टिकोण को आकार देती है. शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति के माध्यम से राष्ट्र की सेवा करने में मदद करती है.”

सक्रिय सेवा के दौरान कर्मियों को सशक्त बनाती हैं-

सभी रैंकों के जवान और अधिकारी दोनों इस छात्रवृत्ति के लिए योग्य हैं  जिन्होंने कक्षा 12 पूरी कर ली है वे ग्रेजुएट कार्यक्रमों में दाखिला ले सकते हैं, जबकि ग्रेजुएट मास्टर डिग्री हासिल कर सकते हैं। ये योग्यताएँ न केवल नॉलेज और स्किल्स बढ़ाकर सक्रिय सेवा के दौरान कर्मियों को सशक्त बनाती हैं, बल्कि सेवानिवृत्ति के बाद नए करियर के रास्ते भी खोलती हैं.
यूनिवर्सिटी की ऑनलाइन प्रोग्राम की विश्वसनीयता के बारे में बोलते हुए, उन्होंने इस बात पर जोर दिया, “एलपीयू की ऑनलाइन डिग्रियाँ पूरी तरह से यूजीसी-मान्यता प्राप्त हैं और यूजीसी अधिसूचना एफ. संख्या 3-5/2022 (डीईबी-III) दिनांक 2 सितंबर 2022 के अनुसार नियमित डिग्रियों के साथ पूर्ण समानता रखती हैं। उन्हें न केवल पूरे भारत में मान्यता प्राप्त है, बल्कि ग्लोबल स्तर पर भी स्वीकार किया जाता है, जिससे सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षा के अवसरों के लिए योग्यता प्राप्त होती है.”

एलपीयू के पास प्रतिष्ठित नेक ए ++ (NAAC A++) मान्यता है, जो इसे भारत के टॉप संस्थानों में से एक बनाती है, और वर्तमान में एनआईआरएफ (NIRF) रैंकिंग में 27वें स्थान पर है, जो बेहतर एकेडमिक के प्रति यूनिवर्सिटी की प्रतिबद्धता के बारे जानकारी देती है.