श्री सदगुरू मधुसूदन साई की मौजूदगी में एसएस इनोवेशन्स इंटरनेशनल के मुख्यालय में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए

एसएसआई ग्रुप ऑफ कंपनीज़ के फाउंडिंग चेयरमैन डॉ सुधीर प्रेम श्रीवास्तव ने भारत के पहले एवं एकमात्र स्वदेश में विकसित रोबोटिक सर्जरी सिस्टम- एसएसआई मंत्रा सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम को दान में देने के लिए एक एमओयू साईन किया है.

श्री सदगुरू मधुसूदन साई की मौजूदगी में  एसएस इनोवेशन्स इंटरनेशनल के मुख्यालय में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए

आधुनिक सर्जिकल तकनीकों को सभी के लिए सुलभ बनाने के प्रयास में एसएसआई ग्रुप ऑफ कंपनीज़ के फाउंडिंग चेयरमैन डॉ सुधीर प्रेम श्रीवास्तव ने भारत के पहले एवं एकमात्र स्वदेश में विकसित रोबोटिक सर्जरी सिस्टम- एसएसआई मंत्रा सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम को दान में देने के लिए एक एमओयू साईन किया है. इसे चिक्कबल्लापुर स्थित श्री मधुसूदन साई इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एण्ड रीसर्च (एसएमएसआईएमएसआर) को दान में दिया जाएगा. श्री सदगुरू मधुसूदन साई की मौजूदगी में गुरूग्राम में स्थित एसएस इनोवेशन्स इंटरनेशनल के मुख्यालय में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए.

पहल का उद्देश्य-

इस पहल का उद्देश्य श्री मधुसूदन साई इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एण्ड रीसर्च में विश्वस्तरीय रोबोटिक कार्डियक सर्जरी सेंटर स्थापित करना तथा संस्थान को रोबोटिक सर्जरियों (व्यस्क एवं पीडिएट्रिक कार्डियक सर्जरी, थोरेसिक, जनरल सर्जरी, यूरोलोजी, गायनेकोलोजी और हैड एंड नेक सर्जरी) के लिए दक्षिण भारत के प्रमुख प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में स्थापित करना है.

चिकित्सकीय प्रशिक्षण एवं संयुक्त अनुसंधान को करेंगी प्रोत्साहित -

श्री मधुसूदन साई इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एण्ड रीसर्च हेल्थकेयर में निःस्वार्थ सेवा एवं उत्कृष्टता को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. यह साझेदारी न सिर्फ आधुनिक सर्जिकल देखभाल को एक समान रूप से सुलभ बनाएगी, साथ ही देश भर में रोबोटिक सर्जरी की पहुंच और प्रभाविता बढ़ाने के लिए ज्ञान के आदान-प्रदान, चिकित्सकीय प्रशिक्षण एवं संयुक्त अनुसंधान पहलों को प्रोत्साहित करेगी.

पहली 100 रोबोटिक सर्जिकल प्रक्रियाओं को करेंगे सपोर्ट -

डॉ सुधीर श्रीवास्तव और श्री मधुसूदन साई इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एण्ड रीसर्च के बीच यह साझेदारी तकनीकी उत्कृष्टता एवं मानवतावादी मूल्यों के संयोजन की पुष्टि करता है. इस साझेदारी के तहत डॉ श्रीवास्तव श्री मधुसूदन साई इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एण्ड रीसर्च में पहली 100 रोबोटिक सर्जिकल प्रक्रियाओं को सपोर्ट करेंगे, अगले पांच सालों के लिए एसएसआई मंत्रा सिस्टम के रखरखाव की पूरी लागत को कवर करेंगे, संस्थान में कार्डियक एवं मल्टी-स्पेशलटी सर्जिकल टीमों के लिए आधुनिक प्रशिक्षण प्रोग्रामों का नेतृत्व करेंगे तथा दीघकालिक क्षमता निर्माण एवं प्रभाव को सुनिश्चित करेंगे.

साझेदारी सर्विस एवं इनोवेशन की भावना को दर्शाती है-

इस अवसर पर एसएस इनोवेशन्स इंटरनेशनल इंक के फाउंडर, चेयरमैन एवं सीईओ डॉ सुधीर श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘ श्री मधुसूदन साई इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एण्ड रीसर्च के साथ साझेदारी सर्विस एवं इनोवेशन की भावना को दर्शाती है. आधुनिक, स्वदेश में विकसित टेक्नोलॉजी, समावेशी एवं सुलभ स्वास्थ्यसेवाओं के साथ हम भारत में सर्जिकल केयर में बड़ा बदलाव लाना चाहते हैं. हमारा उद्देश्य रोबोटिक सर्जरी को आधुनिक बनाना तथा यह सुनिश्चित करना है कि जीवनरक्षक इलाज के फायदे उन समुदायों तक पहुंच सकें, जिन्हें इनकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है.’’

अच्छी गुणवत्ता का उपचार केवल कुछ ही लोगों तक सीमित न रहे-

इस साझेदारी पर बात करते हुए श्री सदगुरू मधुसूदन साई ने कहा, ‘‘ श्री मधुसूदन साई इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एण्ड रीसर्च में मानद प्रोफेसर के रूप में डॉ सुधीर श्रीवास्तव का स्वागत करते हुए हमें बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है. उनकी विश्वस्तरीय विशेषज्ञता और दूरदृष्टा नेतृत्व भारत में रोबोटिक सर्जरी के भविष्य को आयाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. यह साझेदारी गुणवत्तापूर्ण हेल्थकेयर को बुनियादी अधिकारी बनाने की हमारी यात्रा में एक नया अध्याय है, ताकि अच्छी गुणवत्ता का उपचार केवल कुछ ही लोगों तक सीमित न रहे. आधुनिक सर्जिकल तकनीकों एवं सहानुभूतिपूर्ण मॉडल के साथ हम इनोवेशन एवं समावेन के बीच के अंतर को दूर करना चाहते हैं. 

प्रतिबद्धता को दर्शाती है-

यह साझेदारी एकसमान स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने एवं सामाजिक उत्तरदायित्व के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है. इसके माध्यम से श्री मधुसूदन साई इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एण्ड रीसर्च अब आधुनिक रोबोटिक सर्जरी के फायदों को क्षेत्र के ज़रूरतमंद एवं ग्रामीण समुदायों तक पहुंचा सकेगा.

हेल्थकेयर की खामियों को दूर करने में कारगर- 

परोपकारी सिद्धान्तों पर आधारित यह पहल दर्शाती है कि किस तरह निजी सेक्टर के इनोवेशन सार्वजनिक कल्याण को बढ़ावा दे सकते हैं. यह स्थायी एवं आधुनिक तकनीक वाले समाधानों के साथ हेल्थकेयर की खामियों को दूर करने में कारगर होगी.

क्या करती है एसएस इनोवेशन्स इंटरनेशनल-

एसएस इनोवेशन्स इंटरनेशनल, इंक (नास्दाकः एसएसआईआई) रोबोटिक सर्जरी को दुनिया की बड़ी आबादी के लिए किफ़ायती एवं सुलभ बनाने के प्रयास में आधुनिक सर्जिकल रोबोटिक तकनीकों का विकास करती है. कपंनी की प्रोडक्ट रेंज में इसका प्रॉपराइटरी ‘एसएसआई मंत्रा’ सर्जिकल रेबोटिक सिस्टम तथा ‘एसएसआई मुद्रा’ सजिर्जकल इन्स्ट्रुमेन्ट्स का व्यापक स्यूट शामिल हे, जो रोबोटिक कार्डियक सर्जरी सहित विभिन्न प्रकार की सर्जिकल प्रक्रियाओं में सहयोग प्रदान करता है. एसएस इनोवेशन्स इंटरनेशनल एक अमेरिकी कंपनी है, जिसका मुख्यालय भारत में है, कंपनी ने अपनी आधुनिक तकनीकों, यूज़र के अनुकूल एवं किफ़ायती सर्जिकल रोबोटिक समाधानों को दुनिया भर में पहुंचाने की योजनाएं बनाई हैं.
 
क्या है एसएसआई मंत्रा-

एसएसआई मंत्रा सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम, आधुनिक तकनीकी फीचर्स से लैस एक मॉड्युलर मल्टी-आर्म सिस्टम है। इसमें 3-5 रोबोटिक आर्म्स का उपयोग किया जाता है, साथ ही इसमें ओपन-फेस अर्गोनोमिक सर्जन कमांड सेंटर, 32 इंच का बड़ा 3डी एचडी मॉनिटर, 23 इंच का 2 डी टच पैनल होता है, जिस पर मरीज़ से जुड़ी सभी जानकारी डिस्प्ले होती है. साथ ही एक वर्चुअल रियल टाईम इमेज और होलोग्राफिक डाईकोम इमेज के सुपर इम्पोज़िशन की क्षमता भी होती है. विज़न कार्ट टीम को 3 डी एचडी व्यू देता है, जिससे सर्जन सर्जरी के दौरान बेहतर सुरक्षा और दक्षता को सुनिश्चित कर सकता है. मॉड्युलर रोबोटिक आर्म के द्वारा आवश्यकतानुसार आर्म्स का उपयोग किया जा सकता है. इससे सर्जिकल ऑपरेशन्स में किसी तरह के टकराव की संभावना नहीं रहती। इसमें 30 विभिन्न प्रकार के रोबोटिक एंडो सर्जिकल उपकरण होते हैं, जिनका उपयोग कार्डियक सर्जरी सहित विभिन्न प्रकार की सर्जरियों में किया जा सकता है. इसके बेहतरीन डिज़ाइन एवं अनुकूल फीचर्स के चलते लर्निंग कर्व छोटा होता है.

एसएमएसआईएमएसआर-

कर्नाटक के चिक्कबल्लापुर स्थित श्री मधुसूदन साई इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एण्ड रीसर्च (एसएमएसआईएमएसआर) भारत का पहला निजी मेडिकल कॉलेज है जो 2003 से निःशुल्क एमबीबीएस शिक्षा प्रदान कर रहा है, सदगुरू री मधुसूदन साई द्वारा स्थापित संस्थान की उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री मोदी ने किया था. श्री सत्य साई युनिवर्सिटी फॉर ह्युमन एक्सीलेन्स द्वारा मान्यता प्राप्त और नेशनल मेडिकल कमीशन द्वारा अनुमोदित यह संस्थान ‘गांवों में-गांवों के लिए’ मॉडल पर काम करता है. इसका उद्देश्य समाज के वंचित समुदायों के लिए सहानुभूतिपूर्ण डॉक्टर उपलब्ध कराना है. यहां एमबीबीएस प्रोग्राम के लिए 100 सीटें हैं. (शुरूआत में 50), जहां छात्रों का चुनाव मेरिट के आधार पर किया जाता है, जिन्हों अस्पताल के साथ पांच साल का सर्विस बॉन्ड करना होता है. कैंपस में आधुनिक एकेडमिक ब्लॉक, लैबोरेटरीज़, हॉस्टल और श्री सत्य साई सरला मैमोरियल हॉस्पिटल हैं. आगे भी परिसर का विस्तार जारी है. नया संस्थान होने के बावजूद एसएमएसआईएमएसआर ने एकेडमिक उत्कृष्टता एवं इंटरनेशनल साझेदारियों का प्रदर्शन किया है और एम्स जैसे संस्थानों के साथ विश्वस्तरीय सम्मेलन आयोजित किए हैं. इसके मॉडल में मेडिकल शिक्षा, सर्विस एवं आध्यात्मिक  मूल्यों का संयोजन शामिल है, संस्थान एक समान चिकित्सा एवं शिक्षा प्रदान करने के दिशा में अग्रसर है.