सनातन संस्कृति जागरण महोत्सव सुधांशु जी महाराज के आध्यात्मिक नेतृत्व में स्वर्ण जयंती वर्ष के अंतर्गत हुआ

आनंद धाम आश्रम, बक्करवाला, नई दिल्ली में सनातन संस्कृति जागरण महोत्सव का शुभारंभ सुधांशु जी महाराज के आध्यात्मिक नेतृत्व में स्वर्ण जयंती वर्ष के अंतर्गत हुआ. इस अवसर पर हजारों श्रद्धालु एवं संत एकत्रित हुए और भारत के सनातन सांस्कृतिक व नैतिक मूल्यों के पुनरुत्थान का सामूहिक आह्वान किया.

सनातन संस्कृति जागरण महोत्सव सुधांशु जी महाराज के आध्यात्मिक नेतृत्व में स्वर्ण जयंती वर्ष के अंतर्गत हुआ

आनंद धाम आश्रम, बक्करवाला, नई दिल्ली में सनातन संस्कृति जागरण महोत्सव का शुभारंभ सुधांशु जी महाराज के आध्यात्मिक नेतृत्व में स्वर्ण जयंती वर्ष के अंतर्गत हुआ. इस अवसर पर हजारों श्रद्धालु एवं संत एकत्रित हुए और भारत के सनातन सांस्कृतिक व नैतिक मूल्यों के पुनरुत्थान का सामूहिक आह्वान किया.

सनातन संस्कृति भारत की जीवंत आत्मा-

कार्यक्रम के उद्घाटन प्रवचन में सुधांशु जी महाराज ने भारत की आध्यात्मिक पहचान को पुनर्स्थापित करने की बात कही उन्होंने कहा, “सनातन संस्कृति भारत की जीवंत आत्मा है. जितना हम इससे जुड़ते हैं, उतना ही हम एक व्यक्ति और एक राष्ट्र के रूप में सशक्त होते हैं.”

प्रमुख संत शामिल-

इस आयोजन में स्वामी राज राजेश्वराश्रम जी महाराज, मुरारी बापू और बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जैसे प्रमुख संत शामिल हुए. सभी ने एकता, चरित्र निर्माण और धर्म-आधारित जीवनशैली की आधुनिक समाज में आवश्यकता पर ज़ोर दिया.
 “जब कोई राष्ट्र अपने प्रतिभाशाली और सक्षम लोगों को महत्व देता है एवं उनके उद्धार हेतु सहायता करता है, तो वह रामराज्य के सपने को साकार करने के और करीब पहुँचता है. सच्चा सनातन धर्म सभी जीवों के प्रति देखभाल और करुणा है। इसे मजबूत करने के लिए हमें उदाहरण बनकर नेतृत्व करना होगा; पहले अपने घर में, फिर समाज में ताकि अन्य लोग प्रेरित होकर उसका अनुसरण करें.”

स्वामी राज राजेश्वराश्रम जी-

"मैं सुधांशु जी महाराज को 108 बाल संस्कार केंद्रों और 10 गुरुकुलों की दूरदर्शी पहल के लिए हृदय से बधाई देता हूँ। यह वास्तव में सनातन धर्म की सेवा है, जो ज्ञान, संस्कार और हिंदू एकता को जड़ों से पोषित करती है. सनातन धर्म हमें मूल से जुड़े रहने की प्रेरणा देता है, और जब हम एकजुट होकर भगवान श्रीराम के मार्ग पर चलते हैं, तब उनकी कृपा स्वतः ही हम सभी पर बरसती है."


मोरारी बापू जी-

“हर हिंदू को अपने शास्त्रों का ज्ञान होना चाहिए और उन्हें अपनी परंपराओं को संजोकर रखना चाहिए. सनातन धर्म सकारात्मकता और धर्मयुक्त कर्म का मार्ग है. नकारात्मकता केवल पतन की ओर ले जाती है. अब समय आ गया है कि हम अपने युवाओं में सनातन की ज्योति को पुनः प्रज्वलित करें और हर हिंदू को एकजुट करें."


धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री-

इस महोत्सव के माध्यम से सुधांशु जी महाराज की दूरदर्शी पहल, भारतभर में 10 गुरुकुलों और 108 बाल संस्कार केंद्रों की स्थापना भी प्रमुख रूप से प्रस्तुत की गई. इस अभियान को साकार रूप देने में विश्व जागृति मिशन की उपाध्यक्षा डॉ. आर्चिका दीदी अग्रणी भूमिका निभा रही हैं. यह पहल गुरुकुल संस्कृति जागरण अभियान की आधारशिला है, जिसका उद्देश्य भारतीय ज्ञान, अनुशासन और आत्मचेतना का बोध लिए नई पीढ़ी का निर्माण करना है.

आयोजन में संत,  हस्तियाँ और प्रतिनिधि भी उपस्थित-

इस महोत्सव का आयोजन विश्व जागृति मिशन द्वारा किया जा रहा है यह एक राष्ट्रीय संस्था है जिसकी स्थापना सुधांशु जी महाराज ने की थी। यह संस्था शिक्षा, ग्रामीण उत्थान, स्वास्थ्य सेवाओं और युवा सशक्तिकरण के क्षेत्र में कार्यरत है, और भारत व विदेशों में इसके 40 से अधिक आश्रम व 88 केंद्र संचालित किये जा रहे हैं. यह आयोजन 4 मई तक चलेगा, जिसका भव्य समापन समारोह भारत मंडपम, प्रगति मैदान में आयोजित किया जाएगा, इस आयोजन में अनेक संत, राष्ट्रीय हस्तियाँ और सांस्कृतिक जगत के  प्रतिनिधि भी उपस्थित रहेंगे.